जिला अस्पताल में अवैध एम्बुलेंस चालकों के आतंक, अस्पताल के गार्ड को दी जान से मारने की धमकी, निजी वाहनों पर अवैध तरीक़े से फ्लैशर वाली लाल नीली बत्ती और हूटर पर भी कोई कार्यवाही नही पर भी बड़ा सवाल।

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जिला अस्पताल में तैनात गार्ड  राहुल सोनी को अवैध एंबुलेंस के चालक और मालिक दे रहे जान से मारने की धमकी, राहुल सोनी का कहना है की अस्पताल में जो भी मरीज आते है उन्हे  ये अवैध एंबुलेंस के चालक और मालिक जिला अस्पताल में घुसते ही उसकी घेराबंदी कर उसे प्राइवेट अस्पतालों में ले जाते है और नर्सिंग होम से मोटी रकम लेने का अवैध कारोबार कर रहे है। जिला अस्पताल में चल रहे इस अवैध कारोबार का गार्ड राहुल सोनी ने किया था विरोध, जिससे नाराज एंबुलेंस चालक और उनके मालिको ने जान से मारने की धमकी दी है, जिला अस्पताल प्रबंधन को इस गोरखधंधे और अस्पताल में अवैध एम्बुलेंस चालकों की धमाचौकड़ी की कई बार शिकायत की गई, पर ठोस कार्यवाही न होने से मरीजों से ठगी और लूट का गोरखधंधा लगातार जारी है। इन अवैध एम्बुलेंसों का न तो RTO में रजिस्ट्रेशन है, न ही इनके चालकों और संचालकों की पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी है, टैक्सी वाहनों में एम्बुलेंस लिखा, लाल नीली फ्लैशर बत्ती और अवैध तरीक़े से हूटर लगा मनमर्जी चला रहे है इनके संचालक, जबकि  केवल गृह विभाग को वाहनों में बहुरंगीय बत्ती लगाने के आदेश हैं। जबकि सतना की सभी अवैध एम्बुलेंस में बहुरंगी फ्लैशर बत्तियां लगा सड़कों पर दौड़ रही है, जिला अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी और चौराहों में यातायात के जवान तैनात  है पर वो अपने काम में ही व्यस्त हैं नियमानुसार एंबुलेंस गाड़ियों  पर भी नीली बत्ती चाहे वह फ्लैशर सहित हो या फ्लैशर रहित का प्रयोग नहीं किया जा सकता है । बल्कि उसके लिए विशेष तौर पर बैगनी रंग के कांच के भीतर ब्लिंक करती हुई बत्ती का प्रयोग किया जा सकता है, वो भी परिवहन विभाग की अनुमति के बाद, लेकिन सतना जिले में इन नियमों को अवैध एम्बुलेंस संचालक मानने को तैयार नही, क्योंकि उनको पुलिस विभाग की तरफ फ्लैशर लाइट लगाने की आदत हो गयी है। हर एम्बुलेंस पर फ्लैशर नीली लाल बत्ती के साथ बड़े बड़े हूटर नजर आते है, जब कभी कार्यवाही की बात सामने आती है तो ये एम्बुलेंस संचालक बिजली की तेजी से इन अवैध बत्तियों और हूटरों को उतार वाहन के अंदर छिपा देते है।

 

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