ग्वालियर में डीएनए लैब का शुभारंभ, रीवा व जबलपुर में भी होगी शुरुआत_*

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ग्वालियर। ग्वालियर में लंबे इंतजार के बाद आखिर शनिवार को डीएनए लैब का शुभारंभ हुआ। लैब का शुभारंभ प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा व सांसद विवेक शेजवलकर ने फीता काटकर किया। अब इस डीएनए लैब से ग्वालियर सहित अंचल के जिलों के आपराधिक प्रकरणों के डीएनए जांच की जाएगी। अब डीएनए जांच में देरी नहीं होगी।


लैब का शुभारंभ करते हुए करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर में डीएनए लैब में अब हर महीने सौ यानि प्रतिवर्ष करीब 12 सौ सैंपलों की जांच हो सकेगी और प्रकरणों की जांच जो सकेगी। गृह मंत्री के मुताबिक अब रीवा, जबलपुर, में भी डीएनए लैब खोली जाएगी। इन सभी लैबों के लिए प्रदेश सरकार वैज्ञानिक अधिकारियों, तकनीशीयनों व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। इसके लिए सरकार ने सहमति दे दी है ये लैब अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने में अधिक मदद करेगी। आरोपितों को सजा मिलेगी।


अब हत्या, दुष्कर्म जैसे सनसनीखेज मामलों में डीएनए सैंपल की जांच ग्वालियर में ही होगी। सबसे बड़ा फायदा होगा जिस डीएनए रिपोर्ट को आने में महीनों लग जाते थे, वह अब करीब एक सप्ताह में मिल जाएगी। इससे जांच जल्द पूर्ण होगी और पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलने में आसानी होगी। दरअसल ग्वालियर स्थित पुलिस विभाग की रीजनल फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में लंबे समय से डीएनए यूनिट प्रस्तावित थी। कोरोना काल से पहले यूनिट शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना काल के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। इसकी वजह थी यूनिट के लिए उपकरण नहीं आ सके थे। कुछ माह पहले डीएनए लैब शुरू करने का काम तेजी से शुरू हुआ। डीएनए यूनिट की स्थापना ग्वालियर में होने के बाद यहां उपकरण मंगवाए गए। हाल ही में एफएसएल निदेशक शशिकांत शुक्ला की ओर से एसएसपी अमित सांघी को 16 जनवरी से डीएनए सैंपल की जांच ग्वालियर में ही कराने के संबंध में पत्र जारी हुआ था। इसके बाद तैयारी शुरू कर दी गई। 16 जनवरी से सैंपलिंग शुरू करने के लिए पत्र मिलने के बाद इसके शुभारंभ को लेकर पुलिस अधिकारियों ने गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा से चर्चा की।

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